1) इस दौरान फरवरी के महीने में एक अतिरिक्त दिन जुड़ जाता है। 2)हर साल फरवरी में 28 दिन होते हैं लेकिन लीप ईयर में 29 दिन हो जाते हैं।

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Leap Year हर चार साल में एक बार आता है

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Leap Year लीप ईयर का कारण

1) पृथ्वी की परिक्रमा के लिए 365 दिन, 5 घंटे, 48 मिनट और 46 सेकंड की आवश्यकता है। 2) कैलेंडर में सोलर ईयर को 365 दिन और 6 घंटे माना जाता था। 3)चार साल में एक बार, 6 घंटे का अतिरिक्त समय जोड़ा जाता है, जिससे 366 दिन का एक वर्ष बनता है।

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फरवरी में ही क्यों जुड़ता है एक दिन?

1) जूलियन कैलेंडर में फरवरी को 28 दिन का महीना माना जाता था। 2)  जूलियन कैलेंडरलेंडर की शुरुआत में 10 दिन का अंतर था, जिसे 24 फरवरी 1582 में कम किया गया।

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लीप ईयर का होना क्यों जरूरी है?

1) हर 4 साल में लीप ईयर का आना हमें समय को संतुलित रखने में मदद करता है। 2) यदि ऐसा न हो, तो सौ साल के बाद 25 दिन की गड़बड़ी हो सकती है, जो मौसम और कृत्रिम उपग्रह के पथ को प्रभावित कर सकती है।